सोमवार, १ नोव्हेंबर, २०१०

औरकुट गाणे…

बप्पी दा इश्टाईल:
औरकुटिंग बिना चैन कहां रे…
स्करैपिंग बिना चैन कहां रे…
सोना नहीं चांदी नहीं,औरकुट तो मिला
अरे औरकुटिंग कर ले….
…अल्ताफ राजा शैली:
तुम तो ठहरे औरकुटवाले..
साथ क्या निभाओगे…
सुबह पहले..
सुबह पहले मौके पे
नेट पे बैठ जाओगे…
तुम तो ठहरे औरकुटवाले…
साथ क्या निभाओगे..
…जॉनी वॉकर माफ़िक:
जब सर पे ख्याल मंडराएं,
और बिल्कुल रहा ना जाए..
आजा प्यारे औरकुट के द्वारे,
काहे घबराए… काहे घबराए…
सुन सुन सुन, अरे बाबा सुन
इस औरकुटिंग के बड़े बड़े गुन
हर औरकुटर बन गया है पंडित
गूगल भी थर्राए…
काहे घबराए… काहे घबराए

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